चाँद की खूंटी पे टंगी रात
रात की खूंटी पे टंगी नींद
नींद की खूंटी पे टंगे सपनें
सपनों की खूंटी पे टंगी आस
आस की खूंटी पे टंगी साँस
जीवन का सारांश ।
रात की खूंटी पे टंगी नींद
नींद की खूंटी पे टंगे सपनें
सपनों की खूंटी पे टंगी आस
आस की खूंटी पे टंगी साँस
जीवन का सारांश ।
2 comments:
hmmm
सब कुछ टंगा हुआ सा
कुछ अधर में लटका, कुछ उधर में
@Adee yep
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